दिल्ली : दिल्ली में गर्मी के मौसम में बढ़ती बिजली की मांग को ध्यान में रखते हुए, ऊर्जा मंत्री आशीष सूद (Ashish Sood) ने बिजली कंपनियों और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की. इस बैठक में बिजली की आपूर्ति को स्थिर बनाए रखने, आपातकालीन स्थितियों में बिजली बहाली की प्रक्रिया को तेज करने और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई.
बैठक में दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने सभी बिजली कंपनियों को निर्देशित किया कि वे अपने पुराने ग्रिड को अपग्रेड करें, नई केबल बिछाएं और स्मार्ट तकनीकों का उपयोग करें. इससे बिजली में होने वाले फॉल्ट का त्वरित पता लगाया जा सकेगा और समय पर समाधान किया जा सकेगा. इसके साथ ही, कंपनियों को डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करने की सलाह दी गई ताकि वितरण प्रणाली में सुधार किया जा सके.
सोलर पैनल लगाने की रफ्तार को बढ़ाने पर जोर
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बीजेपी सरकार सभी नागरिकों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बिजली बहाली में किसी भी प्रकार की देरी को अब सहन नहीं किया जाएगा. बैठक में मंत्री आशीष सूद ने ‘पीएम सूर्य घर योजना’ के तहत दिल्ली में सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया को तेज करने पर भी जोर दिया.
दिल्ली की सभी बिजली कंपनियों को अपने उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही, उन क्षेत्रों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है जहां अभी तक बिजली के मीटर स्थापित नहीं हुए हैं, ताकि वहां सौर पैनल के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जा सके.
दिल्ली के किलोकरी में स्थापित बैटरी बैंक की सफलता को एक मॉडल के रूप में अपनाने का निर्देश ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में भी बैटरी बैंकों की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि आपात स्थितियों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.
ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली में बिजली सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि गर्मी के मौसम में दिल्लीवासियों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े.
दिल्ली में तेज गर्मी के बीच बिजली की मांग ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है. 12 जून को दोपहर 3.06 बजे इस सीजन में सबसे अधिक 8,423 मेगावाट की मांग दर्ज की गई, जबकि इससे पहले बुधवार रात 10.55 बजे 8,231 मेगावाट की मांग हुई थी. यह वर्ष का पहला अवसर है जब बिजली की मांग ने आठ हजार मेगावाट का आंकड़ा पार किया है. बिजली कंपनियों का कहना है कि वे इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उच्चतम मांग के समय बीआरपीएन ने 3,747 मेगावाट और बीवाईपीएल ने 1,832 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराई.
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