महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी: कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कुणाल पाटिल ने थामा बीजेपी का दामन…

दिल्ली / रायपुर : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की महाराष्ट्र इकाई के नए अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने पद संभालते ही विपक्षी कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। धुले और उत्तर महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष कुणाल पाटिल ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया है।

कुणाल पाटिल की लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और वे धुले ग्रामीण विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं। कुछ दिन पहले उनकी रवींद्र चव्हाण के साथ सीक्रेट मुलाकात की खबरें सामने आई थीं, जिनमें यह कयास लगाए जा रहे थे कि वे जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उस समय कुणाल ने बीजेपी में शामिल होने की खबरों को खारिज किया था।

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अब वे बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि पार्टी का जनता से जुड़ाव कमजोर हो गया है।

धुले सहित उत्तर महाराष्ट्र के जिलों में कुणाल पाटिल का मजबूत प्रभाव है, खासकर युवा वर्ग के बीच उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन और निकाय चुनाव से पहले उनके कांग्रेस छोड़ने को विपक्ष के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है।

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों की आहट के बीच, बीजेपी ने अब दूसरे दलों के प्रभावशाली नेताओं को अपने साथ जोड़ने की रणनीति तेज कर दी है। रवींद्र चव्हाण के नेतृत्व में इस सिलसिले में और तेजी आने की संभावना है।

रवींद्र चव्हाण मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं। वे पहले फडणवीस की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में भी मंत्री हैं। ठाणे के डोंबिवली से चार बार विधायक रह चुके चव्हाण की छवि एक कठिन मुद्दों को शीघ्र सुलझाने वाले प्रभावशाली नेता की है।

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