वॉशिंगटन/ रायपुर : अमेरिका में क्वाड देशों की बैठक में शामिल होने पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत का रुख दोहराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि 7 मई को किए गए इस ऑपरेशन का उद्देश्य यह संदेश देना था कि भारत किसी भी आतंकी हमले के बाद अपराधियों, उनके समर्थकों, फंडिंग करने वालों और साजिशकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई करेगा। जयशंकर ने कहा कि “यह संदेश पूरी दुनिया को साफ-साफ दे दिया गया है — भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
विदेश मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि क्वाड देशों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा 25 अप्रैल को जारी संयुक्त बयान भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “इस बयान में साफ कहा गया कि आतंकवाद के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना अनिवार्य है, और यह वैश्विक स्तर पर जवाबदेही की मांग करता है।”
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत दशकों से आतंकवाद का सामना कर रहा है और अब वह पूरी दृढ़ता से इसका जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमने क्वाड देशों और वैश्विक नेताओं के साथ यह साझा किया है कि भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है और हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।”
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक को लेकर जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों ने बीते छह महीनों की प्रगति की समीक्षा की और व्यापार, निवेश, तकनीक, रक्षा, ऊर्जा और गतिशीलता जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और ऊर्जा सचिव क्रिस राइट से भी अलग-अलग मुलाकातें कीं।
रूस से तेल आयात पर अमेरिकी कांग्रेस में प्रस्तावित 500% टैरिफ को लेकर उन्होंने कहा, “अगर यह भारत के हितों को प्रभावित करता है तो हमारे दूतावास और अधिकारी इस मुद्दे पर अमेरिकी सीनेटर ग्राहम से संपर्क में हैं। हमने उन्हें भारत की ऊर्जा सुरक्षा और चिंताओं से अवगत कराया है।”
क्वाड देशों की कड़ी निंदा: पहलगाम हमला मानवता पर हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई, पर क्वाड देशों — अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने एकजुट होकर निंदा की है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आह्वान किया कि इस हमले के अपराधियों, साजिशकर्ताओं और वित्तपोषकों को न्याय के दायरे में लाने के लिए सहयोग करें।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए सभी सदस्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट प्रयास करने की अपील की। परिषद ने कहा, “ऐसे अपराधियों को अंतरराष्ट्रीय कानून और यूएन सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत न्याय के कटघरे में लाना जरूरी है।”
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