पूर्व मंत्री पूर्णमासी राम की बढ़ी मुश्किलें, 23 साल पुराने संगीन मामले में अब कोर्ट का कसता नजर आ रहा शिकंजा…

बिहार /रायपुर। बिहार सरकार के पूर्व खाद्य-आपूर्ति मंत्री और जनसुराज पार्टी के नेता पूर्णमासी राम की कानूनी मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। 23 साल पुराने एक संगीन मामले में अब कोर्ट का शिकंजा कसता नजर आ रहा है। मामले में पुलिस ने हाल ही में पुनः जांच कर रिपोर्ट सौंपी है, जिसके बाद बगहा ADJ-4 मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने 18 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है। यह पूरा मामला 08 अप्रैल 2002 को बगहा के मलकौली वार्ड नं 01 निवासी व वरीय माले नेता दयानंद द्विवेदी से मारपीट और अपहरण से जुड़ा है। पीड़ित का आरोप है कि उस दिन दोपहर करीब 1-2 बजे पूर्व मंत्री पूर्णमासी राम, झोटील पासवान, अमरनाथ मुखर्जी और अन्य अज्ञात लोग उनके घर पहुंचे। पूर्णमासी राम ने पूछताछ की कि उनके खिलाफ हाईकोर्ट में घोटाले का केस क्यों किया, जिस पर जवाब सुनकर उन्होंने दयानंद द्विवेदी को जबरन पकड़ लिया और अपने साथ गाड़ी में बैठाकर ले गए।

बुरी तरह पिटाई की
दयानंद का आरोप है कि गाड़ी में और बाद में बगहा परिसदन में उनकी बुरी तरह पिटाई की गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद बगहा थाना कांड संख्या 66/2002 दर्ज की गई थी। लेकिन मंत्री के प्रभाव के कारण उनके सहयोगी झोटील पासवान की ओर से उल्टा दयानंद द्विवेदी पर भी SC-ST और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज करा दिया गया।

READ MORE- https://newstodayindia.co.in/arvind-kejriwal-surrounded-delhi-government-on-the-threats-of-bomb-to-school-college/

गंभीरता से सुनवाई हो रही
इस मामले में 07 नवंबर 2019 को न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश को चुनौती देते हुए दयानंद द्विवेदी ने जिला एवं सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका (रिवीजन पिटिशन) दायर की थी। इसपर अब गंभीरता से सुनवाई हो रही है।

पुनः जांच का आदेश
नेता के अधिवक्ता का दावा है कि डीआईजी मानवाधिकार के निर्देश के बाद तत्कालीन एसपी रत्न संजय ने मामले की पुनः जांच का आदेश दिया था और तत्कालीन डीएम मिहिर कुमार सिंह ने अभियोजन की स्वीकृति दी थी। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी।

कोर्ट का अगला कदम क्या होगा
अब अदालत ने पूर्व मंत्री के अधिवक्ता नरवदेश्वर भारती को 18 जुलाई को अपना पक्ष रखने का अंतिम अवसर दिया है। ऐसे में अब सबकी नजरें इसी तारीख पर टिकी हैं कि कोर्ट का अगला कदम क्या होगा। यह मामला राजनीतिक और कानूनी रूप से खासा संवेदनशील हो चुका है।

Author Profile

News Today India

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *