Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को अहमदाबाद में विमान हादसा हुआ था। आज नौवां दिन है और एअर इंडिया की 84 उड़ाने रद्द की जा चुकी हैं। हर एयरपोर्ट पर मेंटननेंस और विमानों की चेकिंग को बेहद सख्त कर दिया है। आज 20 जून को भी 4 घरेलू और 4 अंतरराष्ट्रीय उड़ान कैंसिल की जा चुकी हैं। एअर इंडिया की तरफ से अभी इसके कारण में रख रखाव और परिचालन बताया जा रहा है।
अमेरिका की बोइंग दुनिया की सबसे बड़ी नागरिक विमान निर्माता कंपनी है। बोइंग 787 ड्रीम लाइनर उसके बेड़े का अत्याधुनिक विमान है, लेकिन 2011 से उड़ान भरने के बाद से सवालों के लगातार घेरे में है। अहमदाबाद में विमान की दुर्घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जाने आगे क्या होने वाला है?
पहले बात विमान दुर्घटना के बाद एअर इंडिया की…
12 जून को अहमदाबाद में विमान हादसा हुआ था। आज नौवां दिन है और एअर इंडिया की 84 उड़ाने रद्द की जा चुकी हैं। हर एयरपोर्ट पर मेंटननेंस और विमानों की चेकिंग को बेहद सख्त कर दिया है। आज 20 जून को भी 4 घरेलू और 4 अंतरराष्ट्रीय उड़ान कैंसिल की जा चुकी हैं। एअर इंडिया की तरफ से अभी इसके कारण में रख रखाव और परिचालन बताया जा रहा है। तमाम देश के बड़े वीआईपी ने अपनी यात्रा को टाल दिया है। एअर इंडिया के शीर्ष पायलट में शुमार सूत्र का कहना है कि लोग संभवत: विमान दुर्घटना के बाद काफी डर गए हैं। सवाल भरोसे का है। वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि उड़ान के दौरान जरा सी भी आवाज की स्थिति में पैसेंजर का केबिन में परेशान होने का मामला बढ़ गया है।
डीजीसीए के आंकड़ो पर जाएं तो विमान हादसे के दिन 50 उड़ान में से 6 को रद्द किया गया था। 18 जून तक 33 में से 24 ड्रीमलाइनर की जांच की गई थी। रख रखाव के कारण और क्रम में 02 विमान दिल्ली में अंडरग्राऊंड हैं। डीजीसीए कहता है कि 12 जून के 66 विमानों की उड़ानों को रद्द किया गया है। 21 जून से 15 जुलाई तक एअर इंडिया ने 16 अंतरराष्ट्रीय मागों पर 15 प्रतिशत उड़ान में कटौती का निर्णय लिया है। अब एअर इंडिया का स्वामित्व टाटा एयरलाइंस के पास है।
अहदाबाद हादसे के बाद अमेरिका की परेशानी क्या है?
अमदाबाद हादसे में 241 विमान यात्री मारे गए। कुल 270 लोगों के इस हादसे में जान गंवाने की सूचना है। ड्रीमलाइनर अहमदाबाद रनवे से ऊपर उठा था तो नीचे धूल के गुबार देखे जा सकते हैं। वैमानिक इंजीनरिंग के विशेषज्ञ कहते हैं कि इसका अर्थ हुआ विमान का इंजन पूरी ताकत से काम कर रहा था। बिना हर रोज की मेंटिनेंस, हवा, पानी, रिफ्यूलिंग और चेकिंग के विमान उड़ाए भी नहीं जाते। वायुसेना के एक एयर मार्शल स्तर के अधिकारी कहते हैं कि लेकिन कुछ क्षण बाद ही विमान उड़न ताबूत में बदल गया। सही कारण तो ब्लैक बाक्स का विश्लेषण बताएगा। एअर इंडिया के टॉप के पायलट रहे सूत्र का कहना है कि पॉवर सप्लाई फेल करने का अंदेशा है। थ्रस्ट, लिफ्ट नहीं तो विमान हवा में कैसे? सूत्र का कहना है कि विमान के वरिष्ठ पायलट सभरवाल उनके मित्र थे और उनका अनुभव गजब का था। इसलिए जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।
अभी कहां है विमान का ब्लैक बॉक्स?
विमान का ब्लैक बाक्स एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआईबी) के अधिकार में है। इसका दफ्तर अरविंदो मार्ग दिल्ली में है। ब्लैक बाक्स जांच के लिए बेग्लूरू की लैब है। लेकिन अमेरिकी कंपनी बोइंग, अमेरिकी इंजीनियर, दुर्घटना और जांच के विशेषज्ञ मिलने के बाद से लगातार ही अमेरिका को सौंपने की मांग कर रहे हैं। अमेरिकी विशेषज्ञों की एक टीम भारत में है। भारत चाहता है कि इसकी निष्पक्ष जांच बेंग्लुरू के लैब में हो, लेकिन अमेरिकन विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लैक बाक्स का काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसका डेटा भारत में प्राप्त कर पाना मुश्किल है। इसे अमेरिका ले जाने की आवश्यकता है। ताकि दुर्घटना के सही कारण का पता चल सके।
क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
आम तौर पर चमकीले नारंगी रंग का रिकॉर्डर। नारंगी रंग इसलिए भी कि आसानी से ढूंढा जा सके। यह हर जहाज में होता है। इसके दो हिस्से होते हैं। 1. कॉकपिट वाइस रिकार्डर ( सीवीआर)। यह पायलट, सह-पायलट की बातचीत, कॉकपिट अलार्म, आवाज आदि को रिकॉर्ड करता है। 2. फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर)। इसमें विमान और उसके इंजन से जुड़ी जानकारियां होती हैं। मसलन विमान की ऊंचाई, उड़ान की स्थिति, मूव, नियंत्रण कक्ष से आखिरी संपर्क, गति, दिशा, इंजन और अन्य तकनीकी डेटा।
इस ब्लैक बॉक्स को काफी ढंग और मजबूती के साथ तैयार किया जाता है। इसमें ऐसी सिग्नलिंग डिवाइस भी लगी होती है, जो हादसे के बाद इस ब्लैक बॉक्स को ढूंढने में मदद करती है। ताकि विमान की दुर्घटना के बाद इसे सुरक्षित प्राप्त किया जा सके और दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा सके। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम गहन जांच-पड़ताल करके निष्कर्ष पर पहुंचती है।
बोइंग-787-8 ड्रीमलाइनर पर गहराया भरोसे का संकट
बोइंग-787 ड्रीम लाइनर के 2400 विमान दुनिया में उड़ रहे हैं। कंपनी के पास लगभग 950 विमानों की आपूर्ति के आर्डर है। पेरिस में एयर शो चल रहा है और अगले एक दशक के भीतर विश्व की तमाम एयरलाइंस को 18-20 हजार विमानों की जरूरत पड़ सकती है। परिवहन विमानों में अमेरिका की कंपनी बोइंग और फ्रांस की एयर बस का ही दबदबा है। लेकिन इस एयर शो में बोइंग के सीईओ केली अलबर्ट शामिल नहीं हो रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण अहदाबाद प्लेन क्रैश माना जा रहा है। बताते चलें कि 2011 से आपरेशनल इस विमान को कंपनी सबसे सुरक्षित और श्रेष्ठ बताती है। हालांकि इसमें पहले भी इंजन फेल्योर, बैट्री में शार्ट सर्किट जैसी समस्याएं पाई जा चुकी है। माना जाए तो पिछले 14 वर्षों में बोइंग कंपनी भरोसे के सबसे बड़े संकट से जूझ रही है। उसे इस संकट से ब्लैक बाक्स का डेटा, जांच रिपोर्ट ही निकाल सकती है। साफ सी बात है कि विमान की दुघर्टना का कारण विमान की प्रणाली में खराबी के आने के बाद बोइंग को बहुत बड़ा कारोबारी झटका लग सकता है।
बताते चलें कि अहमदाबाद में क्रैश हुए विमान की 2023 में बड़े पैमाने पर जांच और मेंटिनेस हुई थी। इसकी अगली जांच दिसंबर 2025 में प्रस्तावित थी।
भारतीय विशेषज्ञों को डर…..कहीं मानवीय चूक न बता दें अमेरिकी
विमान हादसे के बाद कैप्टन स्टीव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उनकी प्रतिक्रिया में विमान को बेहद सुरक्षित बताया गया और हादसे के कारण पर ईशारा मानवीय चूक की तरफ था। कैप्टन स्टीव की यह प्रतिक्रिया भारतीय वैमानिक इंजीनियरिंग विशेषज्ञों और पायलटों के बीच में काफी फ्लैश हुई। एयर इंडिया के वरिष्ठ सूत्र का कहना है कि विमान की काकपिट में सुमित सभरवाल जैसा पायलट न होता तो एक मिनट के लिए मान सकते थे। वैसे भी यह उड़ान लंदन की थी। भारतीय पायलटों की भी इस हादसे पर गंभीर निगाह है। नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ पायलट का कहना है कि मानवीय चूक तो कभी भी और किसी से हो सकती है। हम सब भगवान नहीं हैं, लेकिन विमान के जो वीडियो सामने आ रहे हैं, वह इस तरफ ईशारा नहीं कर रहे हैं। इसलिए ब्लैक बाक्स की जांच भारत में ही हो तो अच्छा है। सूत्र का कहना है कि ब्लैक बाक्स अंतरराष्ट्रीय जांच जरूरी हो तो इसे स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी की निगरानी में कराना ही ठीक रहेगा। भारतीय विशेषज्ञों को अंदेशा है कि अमेरिकी विशेषज्ञ जांच रिपोर्ट में सही कारणों पर पर्दा डाल सकते हैं।
क्या अमेरिका भेजा जाएगा ब्लैक बाक्स?
रिपोर्ट आ रही है कि ब्लैक बाक्स बहुत क्षतिग्रस्त हालत में है। यहां सही जांच संभव नहीं। इसलिए इसे अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टीबोर्ड(एनटीएसबी) भेजा जाएगा। अमेरिकी विशेषज्ञ कॉकपिट वाइस रिकार्डर और फ्लाइट डेटा रिकार्ड(जोनों को मिलाकर ब्लैक बाक्स कहते हैं) के मिलने के बाद से ही इसे अमेरिका को सौंपने की बात कर रहे हैं। हालांकि भारतीय उड्डयन मंत्रालय ने अभी इस तरह की खबरों का खंडन किया है। उड्डयन मंत्रालय का कहना है कि विमान के ब्लैक बाक्स भारत में हैं। अभी इसे किसी जांच के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी को सौंपने की योजना नहीं है।
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