हिमाचल प्रदेश / रायपुर : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में इस वक्त इतिहास की सबसे भीषण आपदा आई हुई है। भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन के चलते हजारों लोग प्रभावित हैं, कई बेघर हो चुके हैं और जीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसे विकट समय में मंडी की लोकसभा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की गैरमौजूदगी पर न केवल विपक्ष, बल्कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी अप्रत्यक्ष रूप से सवाल उठाए हैं।
सोशल मीडिया पर उठे सवाल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर ‘नॉटी हिमाचल’ नामक यूजर ने कंगना रनौत की आपदा के समय सक्रियता पर सवाल उठाते हुए लिखा, “ये है मंडी की सांसद की प्राथमिकता. हिमाचल त्राहिमाम कर रहा है और ये बॉलीवुड में व्यस्त हैं। शर्मनाक।”
कंगना रनौत ने दी सफाई-
इस आलोचना का जवाब देते हुए कंगना ने ‘X’ पर लिखा कि वह हाल ही में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के साथ मंडी दौरे पर थीं। उन्होंने दावा किया कि इस दौरान उनकी गाड़ी पर चट्टानें और पत्थर गिरने से कार को नुकसान पहुंचा—गाड़ी के शीशे टूटे और डेंट आए।
कंगना ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा: “इस समय हिमाचल यात्रा के लिए उपयुक्त नहीं है। सबसे सुरक्षित जगह आपका कीबोर्ड है। मैं भी अभी ‘कीबोर्ड वॉरियर’ बनने के समर्थन में हूं।”
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जयराम ठाकुर का बयान-
पत्रकारों ने जब जयराम ठाकुर से कंगना की गैरमौजूदगी पर सवाल पूछा तो उन्होंने साफ तौर पर कहा:
“मुझे मालूम नहीं है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। हम लोग यहां हैं, मंडी के लोगों के साथ जीने-मरने के लिए हम यहां हैं। जिनको इसकी चिंता नहीं है, उनके बारे में मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता।”
https://twitter.com/i/status/1940701193472491852
कांग्रेस ने उठाया सवाल-
जयराम ठाकुर के इस बयान को कांग्रेस ने लपकते हुए सोशल मीडिया पर साझा किया और कंगना रनौत पर हमला बोलते हुए लिखा:
“सांसद कंगना रनौत को मंडी के लोगों की चिंता नहीं है—ये हम नहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर कह रहे हैं।”
2023 में भी उठा था विवाद-
यह पहला मौका नहीं है जब आपदा के समय कंगना की अनुपस्थिति पर सवाल उठे हैं। 2023 में आई बाढ़ और फ्लैश फ्लड के दौरान भी वह मंडी नहीं पहुंची थीं। तब भी उन्होंने कहा था कि “प्रशासन ने उन्हें वहां ना आने की सलाह दी है।” उस वक्त भी उनकी भूमिका को लेकर विवाद हुआ था।
कंगना की नई प्रतिक्रिया-
हाल ही में कंगना ने एक और बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने लिखा:
“हिमाचल में हर साल बाढ़ से होने वाली तबाही को देखना दिल दहला देता है। मैंने सेराज और मंडी के अन्य इलाकों में पहुंचने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष के वरिष्ठ नेता जयराम ठाकुर ने सलाह दी कि जब तक संपर्क बहाल नहीं हो जाता, इंतजार करें। आज मंडी डीसी ने रेड अलर्ट जारी किया है। मैं अधिकारियों की मंजूरी के बाद जल्द ही वहां पहुंचूंगी।”
https://twitter.com/KanganaTeam/status/1940149261825712287
आपदा पर जताया दुख-
2 जुलाई को कंगना ने बादल फटने की घटना पर दुख जताते हुए एक पोस्ट भी किया था: “हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में बादल फटने की हृदयविदारक घटना बेहद पीड़ादायक है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति दें, घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले और लापता लोगों की सुरक्षित वापसी हो— यही प्रार्थना है।” जहां एक ओर मंडी जिले में भारी आपदा के बीच लोग सांसद से ज़मीनी सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं कंगना की भूमिका और प्राथमिकताएं अब सार्वजनिक बहस का विषय बन गई हैं। सवाल यह भी है कि आपदा के इस संवेदनशील दौर में एक सांसद के तौर पर क्या सोशल मीडिया पोस्ट भर काफी हैं?
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