रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट : छत्तीसगढ़ में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में घोटालों की लंबी फेहरिस्त बताई जा रही है। बीजेपी ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत जारी विकास कार्यों में कई बड़े घोटालों के आरोप लगाए थे। विधानसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी ने कई भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायत पीएमओ तक से की थी। तांत्रिक के.के. श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के बाद अब यह बात सच होती प्रतीत हो रही है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी और सरकारी रकम का दुरुपयोग किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खासमखास तांत्रिक के.के. श्रीवास्तव से SIT पूछताछ में जुटी है। तांत्रिक श्रीवास्तव को 1 जुलाई तक पुलिस ने रिमांड में लिया है। हालांकि पुलिस के अलावा ईडी भी पहले से ही इस घोटाले की तह तक जाने में जुटी थी। इस बीच श्रीवास्तव एंड कंपनी की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े खुलासों के आसार जताए जा रहे हैं।

स्मार्ट सिटी और नवा रायपुर प्रोजेक्ट में 500 करोड़ के कार्यों का ठेका दिलाने के मामले में आरोपी के.के. श्रीवास्तव से अहम जानकारियां सामने आने के आसार हैं। बताया जाता है कि 500 करोड़ का ठेका दिलाने के लिए आरोपी तांत्रिक ने एक कंपनी के साथ सुयोजित ठगी की थी। यह भी कि श्रीवास्तव एंड कंपनी ने ठेके के एवज में बतौर कमीशन 15 करोड़ की रकम पहले ही ऐंठ ली थी। इसके बाद आरोपी श्रीवास्तव ने पीड़ित कंपनी को भरोसा दिलाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की सहमति के बाद ही उन्हें ठेका प्रदान कर दिया जाएगा। आरोपी तांत्रिक ने इस कंपनी के कर्ता-धर्ताओं की तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मेल-मुलाकात भी करवाई थी। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री सचिवालय से हरी झंडी मिलने के बाद ही आरोपियों ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया था।

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स्मार्ट सिटी और नवा रायपुर प्रोजेक्ट में करोड़ों के ठेके भ्रष्टाचार के दायरे में बताए जा रहे हैं। यह भी बताया जाता है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद आरोपी श्रीवास्तव रायपुर और बिलासपुर से नौ दो ग्यारह हो गए थे। उनके बैंक खातों से 300 करोड़ से ज़्यादा का”ट्रांजैक्शन” पाया गया था। पूर्व सीएम बघेल के करीबी के.के. श्रीवास्तव कांग्रेस पार्टी के भीतर विशेष स्थान रखते थे। उनके बिलासपुर स्थित आश्रम में कई संदिग्ध गतिविधियों की शिकायतें भी स्थानीय लोगों ने की थीं। रायपुर के तेलीबांधा थाने में श्रीवास्तव के खिलाफ पीड़ित कंपनी की शिकायत पर धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध किया गया था।

जानकारी के मुताबिक, आरोपी श्रीवास्तव के घर और अन्य ठिकानों की तलाशी एवं खातों की जांच के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। सूत्र बताते हैं कि करोड़ों का लेन-देन जनधन खातों के ज़रिए भी किया गया था। सूत्र यह भी पुष्टि करते हैं कि बैंकों से रकम इधर-उधर करने के लिए आरोपी तांत्रिक ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कई खाताधारकों के नामों का भी उपयोग किया था। इन लोगों के नाम से विभिन्न बैंकों में फर्जी खाते खुलवाए गए थे।

तांत्रिक श्रीवास्तव को छत्तीसगढ़ पुलिस ने 20 जून को भोपाल से गिरफ्तार किया था। यहां वह भेष बदलकर मौज-मस्ती से रह रहा था। उसके चेहरे पर लंबी-लंबी दाढ़ी उग आई थी। यह भी बताया जाता है कि आरोपी तांत्रिक के परिजनों से भी SIT पूछताछ करेगी। आरोपी तांत्रिक के बेटे कंचन को पुलिस ने बनारस से अपने कब्जे में लिया था। हालांकि, प्रारंभिक पूछताछ के बाद पुलिस और ईडी ने उसे हिदायत देकर छोड़ दिया है। यह जानकारी सामने आने के बाद साफ हो रहा है कि पुलिस की जांच कई महत्वपूर्ण तथ्यों की ओर रुख कर रही है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, कंचन को जांच में सहयोग करने की हिदायत देकर छोड़ा गया है।

बहरहाल, शराब घोटाले के बाद प्रदेश में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का भ्रष्टाचार लोगों की ज़ुबान पर है। यह देखना गौरतलब होगा कि आने वाले दिनों में ईडी और SIT क्या रुख अख्तियार करती हैं।

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